बुधवार, 12 जनवरी 2022

षोडश संस्काराणां क्रमशः कण्ठस्थीकरणसूत्रम्-

षोडश संस्काराणां क्रमशः कण्ठस्थीकरणसूत्रम्-

गपुंसीजानान्यचूकव्युवेकेसमवर्तनैः।
विवाहान्त्येष्टिसंस्कारैर्षोडशैर्मानवोच्यते।।
१. ग  = गर्भाधान
२. पुं  = पुंसवन
३. सी = सीमन्तोन्नयन
४. जा = जातकर्म
५. ना = नामकरण
६. नि = निष्क्रमण (नि+अ)
७. अ = अन्नप्राशन
८. चू = चूडाकरण/मुण्डन
९. क = कर्णवेध
१०.वि= विद्यारम्भ (वि+उ)
११. उ= उपनयन
१२. वे= वेदारम्भ
१३.के= केशान्त/गोदान
१४.स= समावर्तन
१५.वि= विवाह
१६.अ= अन्त्येष्टि

कुछ लोगों का प्रश्न आ रहा है गृह्य सूत्र क्या हैं ?
गृह्यसूत्र मनुष्य जीवन के द्वितीय अवस्था गृहस्थ आश्रम के नियमों का वर्णन करता है। गृहस्थ आश्रम के नियमों का वर्णन करने वाले सूत्र हैं अतः इनको गृह्यसूत्र कहते हैं।  मनुष्य के व्यक्तित्व का विकास उसके संस्कारों पर आधारित होता है, जो गर्भाधान से लेकर अन्त्येष्टि तक शास्त्रों के अनुसार सम्पादित किये जाते हैं। संस्कार शब्द सम् उपसर्ग पूर्वक कृ धातु से घञ् प्रत्यय करने पर निष्पन्न होता है, जिसका अर्थ होता है- दोषों का निराकरण करते हुए गुणों की आधान क्रिया का सम्पादन करना। गृह्य सूत्रों में सस्कारों की संख्या 16 है, जो इस प्रकार है- गर्भाधान, पुंसवन, सीमन्तोन्नयन,जातकर्म, नामकरण, निष्क्रमण, अन्नप्राशन, चूडाकर्म, विद्यारम्भ, कर्णभेद, उपनयन, वेदारम्भ, समावर्तन, विवाह, केशान्त और अन्त्येष्टि।

उपर्युक्त संस्कारों की विधियां, नियम एवं संस्कार का समय इत्यादि विषय गृह्यसूत्रों में विस्तार से वर्णित है। भारतीय गृहस्थ जीवन की पवित्रता, दैवीय बल के प्रति पूर्ण आस्था का स्वरूप तथा आदर्श जीवन पद्धति का स्वरूप कर्मकाण्ड के माध्यम से गृह्यसूत्रों में व्यवस्थित रूप से अभिव्यक्त किया गया है। हमारे जीवन में नित्य प्रति जाने-अनजाने कुछ गलतियां या दोष होते हैं और इन्हीं के प्रायश्चित्त के लिए बलिवैश्वदेव, देवयज्ञ, भूतयज्ञ, मनुष्ययज्ञ, तथा पितृयज्ञ -इन पंचमहायज्ञों का विधान, गृह्यसूत्रों में विस्तृत रूप से वर्णित है। साथ ही इनमें मनुष्य जीवन के लिए उपयोगी गृहनिर्माण विधि, अपशकुन निवारण की विधियों के साथ-साथ पुनर्जन्म एवं स्वर्गादि की मान्यता पर भी प्रकाश डाला गया है।

वर्तमान समय में उपलब्ध गृह्यसूत्र इस प्रकार है-

*ऋग्वेद 
अश्वलायन गृह्यसूत्र
शंखयान गृह्यसूत्र
कौशिकी गृह्यसूत्र

 *शुक्ल यजुर्वेद
पारस्कर गृह्यसूत्र

*कृष्ण यजुर्वेद 
बौधायन गृह्यसूत्र
मानव गृह्यसूत्र
हिरण्यकेशी/सत्याषाढ गृह्यसूत्र
भारद्वाज गृह्यसूत्र
आपस्तम्ब गृह्यसूत्र
कथक गृह्यसूत्र
लौगाक्षी गृह्यसूत्र
अग्निवेश्य गृह्यसूत्र
वाराह गृह्यसूत्र
वैखानस गृह्यसूत्र
वधूल गृह्यसूत्र

*सामवेद 
गोभिल गृह्यसूत्र
खदिर गृह्यसूत्र
जैमिनीय गृह्यसूत्र
कौथुम गृह्यसूत्र
द्रहयान गृह्यसूत्र

*अथर्ववेद 
कौशिक गृह्यसूत्र


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