मंगलवार, 11 जनवरी 2022

*प्रज्ञाविवर्धन स्तोत्र*

🙏🏻 *प्रज्ञाविवर्धन स्तोत्र* 🙏🏻

योगीश्वरो महासेनः कार्तिकेयोऽग्निनंदनः। 
स्कंदः कुमारः सेनानीः स्वामी शंकरसंभवः।। १ ।।
गांगेयस्ताम्रचूडश्च ब्रह्मचारी शिखिध्वजः। 
तारकारिरुमापुत्रः क्रौंचारिश्च षडानन।। २ ।।
शब्दब्रह्मसमुद्रश्च सिद्धः सारस्वतो गुहः।
सनत्कुमारो भगवान् भोगमोक्षफलप्रदः।। ३ ।।
शरजन्मा गणाधीश पूर्वजो मुक्तिमार्गकृत्। 
सर्वागमप्रणेता च वांच्छितार्थप्रदर्शनः।। ४ ।।
अष्टाविंशतिनामानि मदीयानीति यः पठेत्। 
प्रत्यूषं श्रद्धया युक्तो मूको वाचस्पतिर्भवेत्।। ५ ।।
महामंत्रमयानीति मम नामानुकीर्तनम्। 
महाप्रज्ञामवाप्नोति नात्र कार्या विचारिणा।। ६।।
इति श्री रुद्रयामले प्रज्ञाविवर्धनाख्यं श्री मत्कार्तिकेयस्तोत्रं संपूर्णम्।। ७।।

*यह स्तोत्र छात्रों के लिए, बच्चों के लिए लाभदायक है रोज पाठ करे तो बुद्धि तेज होती है इसके पाठ से*
श्री रांदल ज्योतिष कार्यालय सुरेन्द्रनगर
 पंडयाजी
+919824417090

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