शुद्ध ह्रदय
🦚🦚 *जय मातादी* 🦚🦚
यदि वहसि त्रिदण्डं नग्रमुंडं जटां वा
यदि वससि गुहायां पर्वताग्रे शिलायाम् ।
यदि पठसि पुराणं वेदसिध्धान्ततत्वम्
यदि ह्रदयमशुध्दं सर्वमेतन्न किज्चित् ॥
🦚🦚🦚 *जय महादेव* 🦚🦚🦚
आदमी त्रिदंड धारण करे, सर पे मुंडन करे, जटा बढाये, गुफा में रहे या पर्वत की चोटी पर, और वेद पुराण व सिद्धान्त के तत्व का अभ्यास करे, लेकिन जो ह्रदय साफ़ न हो तो ये सब बेकार है !
🦚🦚🦚🦚🦚
*पंडयाजी*
९८२४४१७०९०
७८०२००००३३
🦚🦚🦚🦚🦚
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें
सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें [Atom]
<< मुख्यपृष्ठ