*श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष उपाय*
*श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष उपाय*
शास्त्रानुसार, किसी भी सिद्धि को पाने के लिए या मनोकामना पूर्ति के लिए चार रात्रियां सबसे श्रेष्ठ हैं पहली है कालरात्रि (नरक चतुर्दशी या दीपावली), दूसरी है अहोरात्रि (शिवरात्रि), तीसरी है दारुणरात्रि (होली) व चौथी है मोहरात्रि अर्थात जन्माष्टमी यानी इस दिन किए गए उपाय जरुर फलीभूत होते हैं।
भगवान श्रीकृष्ण श्री विष्णु के आठवें अवतार हैं। सोलह कलाओं से परिपूर्ण दिव्यतम अवतार है। विलक्षण और अद्भुत शक्तियों के स्वामी है।
भगवान श्रीकृष्ण के अवतरण दिवस अष्टमी के दिन इतना शुभ माना जाता है कि यदि कोई मन से उन्हें प्रसन्न कर ले तो उसके सभी मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को उनकी कृपा प्राप्ति के लिए किए जाने वाले कुछ विशेष उपाय
जन्माष्टमी के दिन
ॐ क्लीं कृष्णाय वासुदेवाय
हरये परमात्मने
प्रणतः क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः
इस मन्त्र का तुलसी माला से किसी श्रीकृष्ण, श्रीराधाकृष्ण मंदिर या समीप स्थित किसी भी मंदिर में जाप करने से घर में हर प्रकार सुख व शान्ति बनी रहेगी।
अस्थिरता एवं संघर्ष को दूर करने हेतु जन्माष्टमी को सायंकाल तुलसी पौधे के समीप घी का दीपक प्रज्वलित कर निम्न मन्त्र
ऊं वासुदेवाय नमः की 11 माला का जाप करें।
सुख व शान्ति के लिए दक्षिणावर्ती शंख से श्रीकृष्ण का अभिषेक करने से घर में रोग का नाश होता है तथा लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है।
समस्याओ के निवारण के निवारण हेतु मन्त्र
कृष्णः शरणं मम् का जाप करें।
बीमारी और क्लेश दूर करने के लिए
“ ॐ क्लीं कृष्णाय सर्व क्लेशनाशाय नम: हथेली में हल्दी और तुलसी पत्र लेकर मंत्र का जाप, विशेष लाभदायी है |
सौभाग्य वृद्धि हेतु महिलाओं द्वारा मंत्र
ॐ ऐं श्रीं क्लीं प्राणवल्लभाय
सौः सौभाग्यदाय श्रीकृष्णाय स्वाहा
का जाप विशेष फलप्रदायक है।
सन्तान प्राप्ति हेतु जन्माष्टमी के दिन मंत्रो के साथ बाल गोपाल का पंचामृत से अभिषेक करें
ॐ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते।
छेहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के व्रत को शास्त्रों में "व्रतराज" कहा जाता है। ऐसी धारणा है कि इस एक दिन व्रत रखने से कई व्रतों का फल मिल जाता है।
श्री रांदल ज्योतिष कार्यालय सुरेन्द्रनगर
पंडयाजी +९१९८२४४१७०९०...
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