मंगलवार, 23 जून 2020

#भगवान_जगन्नाथजी__सुभद्राजी_तथा_बलभद्र_जी_के #रथों_का_संक्षिप्त_वर्णन

#भगवान_जगन्नाथजी__सुभद्राजी_तथा_बलभद्र_जी_के

                   #रथों_का_संक्षिप्त_वर्णन

      #भगवान्_जगन्नाथजी_के_रथ_का_संक्षिप्त_परिचय
  
  1. रथ का नाम -नंदीघोष रथ
  2 कुल काष्ठ खंडो की संख्या -832
  3.कुल चक्के -16
  4. रथ की ऊंचाई- 45 फीट
  5.रथ की लंबाई चौड़ाई - 34 फ़ीट 6 इंच
  6.रथ के सारथि का नाम - दारुक
  7.रथ के रक्षक का नाम- गरुड़
  8. रथ में लगे रस्से का नाम-  शंखचूड़ नागुनी
  9.पताके का रंग- त्रैलोक्य मोहिनी
  10. रथ के घोड़ो के नाम : वराह,गोवर्धन,कृष्णा,गोपीकृष्णा,नृसिंह,राम,नारायण,त्रिविक्रम,हनुमान,रूद्र ।।

          #सुभद्राजी_के_रथ_का_संक्षिप्त_परिचय

  1. रथ का नाम - देवदलन रथ
  2 कुल काष्ठ खंडो की संख्या -593
  3.कुल चक्के -12
  4. रथ की ऊंचाई- 43 फीट
  5.रथ की लंबाई चौड़ाई - 31 फ़ीट 6 इंच
  6.रथ के सारथि का नाम - अर्जुन
  7.रथ के रक्षक नाम- जयदुर्गा
  8. रथ में लगे रस्से का नाम-  स्वर्णचूड़ नागुनी
  9.पताके का रंग- नदंबिका
  10. रथ के घोड़ो के नाम -रुचिका,मोचिका, जीत,अपराजिता ।।

          #बलभद्जी_के_रथ_का_संक्षिप्त_परिचय

  1. रथ का नाम -तालध्वज रथ
  2 कुल काष्ठ खंडो की संख्या -763
  3.कुल चक्के -14
  4. रथ की ऊंचाई- 44 फीट
  5.रथ की लंबाई चौड़ाई - 33 फ़ीट
  6.रथ के सारथि का नाम - मातली
  7.रथ के रक्षक का नाम-वासुदेव
  8. रथ में लगे रस्से का नाम-  वासुकि नाग
  9.पताके का रंग- उन्नानी
  10. रथ के घोड़ो के नाम -तीव्र ,घोर,दीर्घाश्रम,स्वर्ण नाभ ।।

    भगवान् श्री कृष्ण जी के 51 नाम और उन के अर्थ:....

   1 कृष्ण : सब को अपनी ओर आकर्षित करने वाला.।
   2 गिरिधर : गिरी: पर्वत ,धर: धारण करने वाला। अर्थात गोवर्धन पर्वत को उठाने वाले।
   3 मुरलीधर : मुरली को धारण करने वाले।
   4 पीताम्बर धारी : पीत :पिला, अम्बर:वस्त्र। जिस ने पिले वस्त्रों को धारण किया हुआ है।
   5 मधुसूदन : मधु नामक दैत्य को मारने वाले।
   6 यशोदा या देवकी नंदन : यशोदा और देवकी को खुश करने वाला पुत्र।
   7 गोपाल : गौओं का या पृथ्वी का पालन करने वाला।
   8 गोविन्द : गौओं का रक्षक।
   9 आनंद कंद : आनंद की राशि देंने वाला।
   10 कुञ्ज बिहारी : कुंज नामक गली में विहार करने वाला।
   11 चक्रधारी : जिस ने सुदर्शन चक्र या ज्ञान चक्र या शक्ति चक्र को धारण किया हुआ है।
   12 श्याम : सांवले रंग वाला।
   13 माधव : माया के पति।
   14 मुरारी : मुर नामक दैत्य के शत्रु।
   15 असुरारी : असुरों के शत्रु।
   16 बनवारी : वनो में विहार करने वाले।
   17 मुकुंद : जिन के पास निधियाँ है।
   18 योगीश्वर : योगियों के ईश्वर या मालिक।
   19 गोपेश : गोपियों के मालिक।
   20 हरि : दुःखों का हरण करने वाले।
   21 मदन : सूंदर।
   22 मनोहर : मन का हरण करने वाले।
   23 मोहन : सम्मोहित करने वाले।
   24 जगदीश : जगत के मालिक।
   25 पालनहार : सब का पालन पोषण करने वाले।
   26 कंसारी : कंस के शत्रु।
   27 रुख्मीनि वलभ : रुक्मणी के पति ।
   28 केशव : केशी नाम दैत्य को मारने वाले. या पानी के उपर निवास करने वाले या जिन के बाल सुंदर है।
   29 वासुदेव :वसुदेव के पुत्र होने के कारन।
   30 रणछोर :युद्ध भूमि स भागने वाले।
   31 गुड़ाकेश : निद्रा को जितने वाले।
   32 हृषिकेश : इन्द्रियों को जितने वाले।
   33 सारथी : अर्जुन का रथ चलने के कारण।
   35 पूर्ण परब्रह्म : देवताओ के भी मालिक।
   36 देवेश : देवों के भी ईश।
   37 नाग नथिया : कालियाँ नाग को मारने के कारण।
   38 वृष्णिपति : इस कुल में उतपन्न होने के कारण
   39 यदुपति : यादवों के मालिक।
   40 यदुवंशी : यदु वंश में अवतार धारण करने के कारण।
   41 द्वारकाधीश : द्वारका नगरी के मालिक।
   42 नागर : सुंदर।
   43 छलिया : छल करने वाले।
   44 मथुरा गोकुल वासी : इन स्थानों पर निवास करने के कारण।
   45 रमण : सदा अपने आनंद में लीन रहने वाले।
   46 दामोदर : पेट पर जिन के रस्सी बांध दी गयी थी। 
   47 अघहारी : पापों का हरण करने वाले।
   48 सखा : अर्जुन और सुदामा के साथ मित्रता निभाने के कारण।
   49 रास रचिया : रास रचाने के कारण।
   50 अच्युत : जिस के धाम से कोई वापिस नही आता है।
   51 नन्द लाला : नन्द के पुत्र होने के कारण।

🙏🌺          ।। जय श्री जगन्नाथ ।।         🌺🙏

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