बुधवार, 27 मई 2020

संत प्रह्लाद जानी -- चुनरी वाली माता जी का गुजरात मे हो गया निधन....ॐ शान्ति शान्ति शान्तिः...

संत प्रह्लाद जानी -- चुनरी वाली माता जी का गुजरात मे हो गया निधन....ॐ शान्ति शान्ति शान्तिः... 
आप 90 साल के थे ।
आपके बारे में कहा जाता था कि आपने पिछले 76 साल से अन्न जल ग्रहण नही किया है । आप सिर्फ श्वास के सहारे जीवित हैं .........

मैं आमतौर पे ऐसे चमत्कारी बाबाओं के फेर में नही पड़ता और ये मानता हूँ कि ये सब Fraud होते हैं । 
पर संत प्रह्लाद जी का केस अलग था ।

DRDO बोले तो Defence Research & Development Organisation की एक अनुषांगिक संस्था DIPAS बोले तो Defence Institute of Physiology and Allied Sciences ने दो बार संत प्रह्लाद जानी के इस दावे की जांच की कि उन्होंने पिछले 76 साल से अन्न जल ग्रहण नही किया है  ।
उनके ऊपर बड़ी वृहद Scientific Research हुई है ....... पहली बार 2003 मे और दोबारा 2010 में .......

2010 में DIPAS , DRDO , AIIMS जैसे संस्थानों के Doctors , Scientists और Researchers ने अहमदाबाद के Sterling हॉस्पिटल के एक शीशे के chamber नुमा रूम में पूरे 15 दिन तक उनकी निगरानी की ........कुल 40 Doctors की टीम और 24घंटे CC TV कैमरा की निगरानी में उन्हें देखते जांचते रहे । 
पल पल उनका Temperature , BP , Heart Beat ,  Blood Sugar , Lipid Profile , CBC , kidney एवं liver function जैसे तमाम tests होते रहे ....... इस बीच उनके शौचालय जाने , मल मूत्र विसर्जन , इत्यादि पे भी निगरानी और Tests हुए ।
वैज्ञानिकों ने पाया कि उन पंद्रह दिनों में संत जी ने एक बूंद भी जल या कोई अन्न नही लिया । 
24 घंटे में औसतन 100 ml पेशाब उनको होता था ।
मल त्याग नही किया एक बार भी । 

तमाम research के बाद वैज्ञानिकों ने यही निष्कर्ष निकाला कि संत जी एक अज्ञात रहस्यमयी प्राण शक्ति से ही ऊर्जा ग्रहण करते हैं ।
DIPAS और DRDO जैसे संस्थाएं सेना के लिए ऐसी researchs करती हैं जिनसे विकट परिस्थितियों में मरुस्थल या बर्फीली चोटियों पे सैनिक बिना कुछ खाये पिये भी न सिर्फ Survive कर सकें बल्कि लड़ सकें ...... इसी क्रम में DRDO Energy Drinks , Energy foods , पे रिसर्च करती हैं जिससे जेब मे रखी एक चॉकलेट मात्र से हफ्ते भर की ऊर्जा मिल सके । 

तो DIPAS जैसी संस्था ने भी संत प्रह्लाद जानी के इस दावे को सत्य माना कि उन्होंने लंबे समय तक अन्न जल ग्रहण नही किया ।

ऐसे में हमारे ग्रंथों में समाधि की जिस अवस्था का ज़िक्र आता है जिसमे योगी सिर्फ योग प्राणायाम और प्राण वायु के सहारे ही वर्षों समाधि में बिता देते थे .......  वैसे ही योगी थे संत प्रह्लाद जानी ।
प्रह्लाद जानी का निधन हो गया ।
उनको  भावपूर्ण श्रद्धांजलि ...पंडयाजी..

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें [Atom]

<< मुख्यपृष्ठ