गुरुवार, 20 अक्टूबर 2022

धनतेरस की रात 13 दीपक में डाल दें 1 रुपए की यह 1 चीज, किस्मत चमकेगी बेहतरीन*


धनतेरस की रात 13 दीपक में डाल दें 1 रुपए की यह 1 चीज, किस्मत चमकेगी बेहतरीन*
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*23 अक्टूबर 2022 को धनतेरस है। 
इस दिन भगवान यमराज, धन्वंतरि और चित्रगुप्तजी की पूजा की जाती है। इस दिन से दिवाली का पांच दिनी उत्सव प्रारंभ हो जाता है और इसी दिन सोना और पीतल खरीदा जाता है। इस दिन त्रयोदशी तिथि रहती है इसीलिए इस दिन 13 दीपक जाने की परंपरा है। यदि आप दीये जला ही रहे हैं तो किस्मत बदलने के लिए मात्र 1 रुपए की एक 1 चीज दीपक में डाल दें।* 
*दीपदान से मिलेगी कर्ज से मुक्तिः परिवार के सभी सदस्यों के घर आने और खाने-पीने के बाद सोते समय एक पुराने दीपक में सरसों का तेल डालकर उसे जलाया जाता है। फिर उसे घर में सभी जगह घुमाया जाता है और इसके बाद यह दीपक घर से बाहर दक्षिण की ओर मुख कर नाली या कूड़े के ढेर के पास रख दिया जाता है। इसके बाद जल चढ़ा कर दीपदान करते समय यह मंत्र बोला जाता है-* *🚩मृत्युना पाशहस्तेन कालेन भार्यया सह।*
*त्रयोदश्यां दीपदानात्सूर्यज: प्रीतयामिति।।* 
1. मुख्‍य द्वार आग्नेय कोण में है तो द्वार पर दीपक जलाएं तो उसमें कौड़ी जरूर डालें। 
2. मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है तो दीपक जलाएं तो उसमें राईं अवश्य डालें।
 3. मुख्‍य द्वार नैऋत्य दिशा में है तो द्वार पर दीपक जलाएं तो उसमें लौंग जरूर डालें। 
4. मुख्‍य द्वार पश्चिम दिशा में है तो दीपक जलाएं तो उनमें एक किशमिश जरूर डालें। 
5. मुख्‍य द्वार वायव्य कोण की दिशा में है तो दीपक में थोड़ी मिश्री जरूर डालें। 
6. मुख्‍य द्वार उत्तर दिशा में है तो दीपक जलाएं तो उनमें एक इलायची जरूर डालें। 
7. मुख्‍य द्वार ईशान दिशा में है तो दीपक जलाएं तो उनमें एक चुटकी हल्दी जरूर डाल दें। 
8. मुख्‍य द्वार पूर्व दिशा में है तो दीपक जलाएं तो उनमें थोड़ा कुमुकुम जरूर डाल दें।

*धनदायक श्री कुबेर उपासना विधि*

कुबेर धन के अधिपति यानि धन के राजा हैं। पृथ्वीलोक की समस्त धन संपदा का एकमात्र उन्हें ही स्वामी बनाया गया है। कुबेर भगवान शिव के परमप्रिय सेवक भी हैं। धन के अधिपति होने के कारण इन्हे मंत्र साधना द्वारा प्रसन्न करने का विधान बताया गया है।

कुबेर मंत्र को दक्षिण की और मुख करके ही सिद्ध किया जाता है।

अति दुर्लभ कुबेर मंत्र इस प्रकार है :- मंत्र :- "ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:।"

मन्त्र जप से पहले विनियोग करें :- "अस्य श्री कुबेर मंत्रस्य विश्वामित्र ऋषि:वृहती छन्द: शिवमित्र धनेश्वरो देवता समाभीष्टसिद्धयर्थे जपे विनियोग:"

हवन :- तिलों का दशांस हवन करने से प्रयोग सफल होता है। यह प्रयोग शिव मंदिर में करना उत्तम रहता है। यदि यह प्रयोग बिल्वपत्र वृक्ष की जड़ों के समीप बैठ कर हो सके तो अधिक उत्तम होगा। प्रयोग सूर्योदय के पूर्व संपन्न करें।

"मनुजवाह्य विमानवरस्थितं गुरूडरत्नानिभं निधिनाकम्।
शिव संख युक्तादिवि भूषित वरगदे दध गतं भजतांदलम्।।"

कुबेर के अन्य सिद्ध विलक्षण मंत्र :-

अष्टाक्षर मंत्र :- "ॐ वैश्रवणाय स्वाहा:"

षोडशाक्षर मंत्र :- "ॐ श्री ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम:।"

पंच त्रिंशदक्षर मंत्र :- "ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धनधान्या समृद्धि देहि दापय स्वाहा।"

*जय श्री राधे कृष्णा*

श्री कुबेर पूजन जाप संक्षिप्त विधि

श्रीधनदायक कुबेर यंत्र को लाल कपड़ा बिछाकर चौकी पर स्थापित करें इसके बाद शरीर और पूजन सामग्री एवं भूमि पवित्रीकरण के पश्चात सर्वप्रथम हाथ मे पुष्प लेकर ध्यान मंत्र बोले और यंत्र के ऊपर छोड़ दें इसके बाद घी का दीपक जलाकर आगे की प्रक्रिया करें।

ध्यान मंत्र :-

मनुज बाह्य विमान स्थितम्, गरूड़ रत्न निभं निधि नायकम्।
शिव सखं मुकुटादि विभूषितम्, वर गदे दधतं भजे तुन्दिलम्।।

इसके बाद यथा सामर्थ्य पंचोपचार अथवा षोडशोपचार से पूजन कर यथा कामना मानसिक संकल्प से संकल्प के बाद हाथ या आचमनी में जल लेकर विनियोग मंत्र पढ़ भूमि पर गिरा दें।

कुबेर मन्त्र👉 विनियोग - ॐ अस्य मन्त्रस्य विश्रवा ऋषि:, वृहती छन्द:, कुबेर: देवता, सर्वेष्ट-सिद्धये जपे विनियोग:। ऋष्यादि-न्यास - विश्रवा-ऋषये नम: शिरसि, वृहती-छन्दसे नम: मुखे, कुबेर-देवतायै नम: हृदि। सर्वेष्ट-सिद्धये जपे विनियोगाय नम: 

सर्वांगे षडग्-न्यास

कर-न्यास
अग्-न्यास
ॐ यक्षाय
अंगुष्ठाभ्यां नम:
हृदयाय नम:
ॐ कुबेराय
तर्जनीभ्यां स्वाहा
शिरसे स्वाहा
ॐ वैश्रवणाय
मध्यमाभ्यां वषट्
शिखायै वषट्
ॐ धन-धान्यधिपतये
अनामिकाभ्यां हुं
कवचाय हुं
ॐ धन-धान्य-समृद्धिं मे
कनिष्ठिकाभ्यां वौषट्
नेत्र-त्रयाय वौषट्
ॐ देही दापय स्वाहा
करतल करपृष्ठाभ्यां फट्
अस्त्राय फट्

 न्यास की प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद इन तीनों में से किसी भी एक मंत्र का जप आज से ही आरम्भ करें तथा दस हजार होने पर दशांश हवन करें या एक हजार मंत्र अधिक जपें। इससे यंत्र भी सिद्ध हो जाता है। वैसे सवालाख जप करके दशांश हवन करके कुबेर यंत्र को सिद्ध करने से तो अनंत वैभव की प्राप्ति हो जाती है।

कुबेर देव को धन का देवता माना जाता है। वे देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं, इनकी कृपा से किसी को भी धन प्राप्ति के योग बन जाते हैं। कुबेर को प्रसन्न करने का सुप्रसिद्ध मंत्र इस प्रकार है-

कुबेर देव का मंत्र👉 "ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय, धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।"

धन्वं‍तरि स्तो‍त्र
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ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।
सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम॥
कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम।
वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम॥

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:
अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
श्री धन्वं‍तरि स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥ 

यह देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर देव का अमोघ मंत्र एवं स्तोत्र है। इस मंत्र का तीन माह तक रोज 108 बार या इससे अधिक जप करें स्तोत्र पाठ को भी कम से कम 3,5 या 11 पर बढ़े। जप, पाठ करते समय अपने सामने एक कौड़ी (धनलक्ष्मी कौड़ी) रखें। तीन माह के बाद प्रयोग पूरा होने पर इस कौड़ी को अपनी तिजोरी या लॉकर में रख दें। ऐसा करने पर कुबेर देव की कृपा से आपका लॉकर कभी खाली नहीं होगा। हमेशा उसमें धन भरा रहेगा।

अब मन को एकाग्र करके हनुमान चालीसा का पाठ करें। यदि हनुमान चालीसा का पूर्ण पाठ नहीं कर पा रहे हों तो इन पंक्तियों का पाठ करें :-

"जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कवि कोबिद कहि सके कहां ते।।"

इन पंक्तियों के निरंतर जप से हनुमानजी तो प्रसन्न होंगे ही साथ ही यम, कुबेर आदि देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त होगी।

दैनिक जाप एवं पाठ पूर्ण होने पर भूमि पर जल गिरा कर माथे से लगाये तथा प्रणाम कर उठ जाए साधना काल मे प्रत्येक दिन यही प्रक्रिया दोहराए।
श्री रांदल ज्योतिष कार्यालय सुरेन्द्रनगर पंड्याजी+919824417090

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