*कर्मकाण्ड में नवग्रह पीठ पर अधिदेवता और प्रत्यधिदेवता का क्रमशः स्थापन ग्रह के किस तरफ किया जाता है?*
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।। श्री: सत्यम जयति।।
प्रश्न
*कर्मकाण्ड में नवग्रह पीठ पर अधिदेवता और प्रत्यधिदेवता का क्रमशः स्थापन ग्रह के किस तरफ किया जाता है?*
1 पूर्व की ओर मुंह करके
2 किधर भी
3 दक्षिण पार्श्व-वाम पार्श्व
4 बायीं तरफ-दाहिनी तरफ
5 ग्रह के पास सूर्य की ओर मुंह करके
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उत्तर
नवग्रहों के अधिदेवता ( अधिरक्षक देवता ) और प्रत्यधि देवता ( प्रत्यधिरक्षक देवता ) के स्थापना क्रम के संबध मे निम्न निर्देश उपलब्ध होता है-
शिवः शिवा गुहो विष्णुर्ब्रह्मेन्द्रयमकालकाः।चित्रगुप्तोऽथ भान्वादेर्दक्षिणे चाधिदेवताः।।( स्कन्द पुराण)
अग्निरापो धरा विष्णुः शकेन्द्राणी पितामहाः।पन्नगाः कः क्रमाद्वामे ग्रहप्रत्यधिदेवताः।।
अर्थात सूर्यादि ग्रहों के दक्षिण पार्श्व मे अधिदेवता एवं वाम पार्श्व मे प्रत्यधि देवताओं की स्थापना की जाती है।
अतः विकल्प संख्या तीन सही है।
*शिवः शिवा गुहोविष्णुर्ब्रह्मेन्द्रयमकालकाः। चित्रगुप्तोऽथ* *भान्वादेर्दक्षिणे चाधिदेवताः।।*
*अग्निरापो धरा विष्णुः शक्रेन्द्राणी पितामहाः।*
*पन्नगाः को क्रमाद्वामे ग्रहप्रत्यधिदेवताः।।*
अतः (3) नं. दक्षिण पार्श्व और वाम पार्श्व ।सही उत्तर है...
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