शनिवार, 3 जुलाई 2021

राग एवं चक्र -

राग एवं चक्र -

मूलाधार - हिंडोल , हंसध्वनि , श्यामकल्याण 

स्वाधिषठान - गुर्जरी तोड़ी , यमन 

मणिपुर - मालकौंस, आभोगी , भीमपलासी 

अनाहत - भैरव , अहीर भैरव , दुर्गा 

विशुद्धि - जैजैवंती , देश 

आज्ञा - भुपाली , बागेश्वरी , 

सहस्त्रार - दरबारी , भैरवी , दरबारी कानड़ा , सिंधु भैरवी 

इन रागों का श्रवण अथवा गायन करते हुए ध्यान करने से आपके चक्र सक्रिय होते हैं। 

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