सोमवार, 13 अप्रैल 2020

माला योग एवम् सर्प योग

******माला योग -सर्प योग********

*केन्द्र स्थानेषु सर्वेषु शुभैः सर्वैश्च संसिथतैः ||
मालायोगः सर्वपापैः  सर्पयोगः प्रकीर्तितः ||४३||*
             ---------भावार्थः----------
सब केन्द्र स्थानों में सम्पूर्ण शुभग्रह स्थित हों तो मालायोग होता है,
ओर यदि सब पाप ग्रह केन्द्रस्थान मे स्थित हों  तो  सर्पयोग होता है ||४३||

*********मालायोग फल*************
*वस्त्रवाहनभोगाद्यैर्युक्तः कान्तासुह्रत्प्रियः ||
  मालायोगे समुत्पन्नेः  सुखी भवति सर्वदा ||४४||

----------------भावार्थः-----------------

मालायोग में उत्पन्न पुरुष वस्त्र,वाहन और भोगादिकों से युक्त,स्त्री और मित्रों को प्रिय, और सदा सुखी हो.||४४||

*************सर्पयोग फल ************

क्रुरो निःस्वो दुःखितश्च परान्ने निरतः सदा ||
दीनश्च  विषमो  लोके  सर्पयोगे  प्रजायते  ||४५||

---------------भावार्थ------------------

सर्पयोग में उत्पन्न पुरुष क्रुर  दरिद्री, दुःखित,सदा ही दुसरे के अन्न का खानेवाला,दीन,और संसार में विषम (कुटिल)हो.||४५||

(लग्न चंद्रिका सा.भ.र १९२)

पंडयाजी ९८२४४१७०९०...

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